किसान कल्याण तथा कृषि विकास उप संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में रबी फसलों हेतु 394380 हेक्टर प्रस्तावित हैं। इसके विरूद्ध अभी तक 324470 लगभग हेक्टर में बोनी हो चुकी है। इस वर्ष अधिक वर्षा होने से समस्त जल स्त्रोत पूर्णरूपेण भरे हुए हैं, जिससे फसलों में पर्याप्त सिंचाई हो सकेगी। गत वर्ष गेहूँ का रकबा 245000 हेक्टर था, इस वर्ष लगभग 292000 हेक्टर में बोनी होने की संभावना है। यूरिया का उपयोग केवल टाप ड्रेसिंग (पहली व दूसरी सिंचाई के समय) में किया जाता हैं। अभी तक जिले में सहकारी संस्थाओं एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से 35000 मीट्रिक टन (70 प्रतिशत पूर्ति) यूरिया का वितरण किया हो चुका हैं। यूरिया की जिले में अभी लगातार आवक बनी हुई है, जिसे समितियों एवं निजी संस्थाओं के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
कृषकों से अपील की जाती है कि प्रथम सिंचाई के समय लगने वाले यूरिया की मात्रा अनुसार यूरिया का उठाव अभी कर लें। आगामी सप्ताह तक लगने वाली यूरिया रैक से द्वितीय सिंचाई के समय पुनः टाप ड्रेसिंग हेतु पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी।
Comments
Post a Comment