कैलाषी बाई अपने दोनों लडकों मोहताज नहीं है।

  राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के ग्राम गोविन्दपुरा गांव की रहने वाली 62 वर्षीय कैलाषी बाई के दो लडके थे। एक का नाम भगवान और दुसरे का नाम मनोहर दोनों लडको की शादी ब्याह कर दी और वह अपनी-अपनी जगह रहने लगे।अब कैलाषी बाई अपने दोनों लडकों के ऊपर अपनी 2जून की रोटी के लिए मोहताज हो गई। 
    62 वर्षीय कैलाषी बाई ने पेंशन के लिए आवेदन किया तो उनकी पेंशन स्वीकृत हो गई। किन्तु उन्हे केवल रू 300 मिलते जिससे वह अपने महीने भर का खर्च उठाने में असमर्थ पाती और लडकों पर आश्रित रहती।
    कैलाषी बाई की मंषा थी कि उन्हे पेंशन की राशि बढ़ जाय तो उन्हे अपना गुजारा खुद करने में आसानी होगी। उनकी इच्छा पूरी हुई जब मध्यप्रदेश में श्री कमलनाथ के नेतृत्व में नई सरकार बनी। नई सरकार की घोषणा के अनुसार अब उन्हें 600 रू प्रतिमाह मिलने लगे।
    कैलाषी बाई कहती है कि हम यही चाहते थे कि हमारा हाथ खर्च कम से कम इतना तो हो कि हम अपना महीने भर का सब्जी भाजी का खर्च उठा सके। वह बताती है कि वह रू 600 पेंशन पाकर खुश हैं।


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