ग्राम भामगढ़ निवासी पिंटू की बेटी निकिता 7 माह की हो गई, लेकिन उसका वजन बहुत कम था वह कुछ नहीं खाती थी और कुपोषित व कमजोर होने के कारण अक्सर बीमार रहती थी। बेटी निकिता की बीमारी से पिन्टू और उसकी पत्नी बहुत परेशान रहते थे। एक दिन पिन्टू और निकिता की मॉ अपनी बेटी के उपचार के लिए अपने गांव की आशा कार्यकर्ता से मिले और अपनी बेटी की परेशानी बताई। कार्यकर्ता ने बच्ची का वज़न लेकर उनके मात-पिता को समझाईश देकर जिला चिकित्सालय खंडवा भिजवाया चिकित्सालय में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. भूषण बांडे को दिखाया गया, तो उन्होंनें निकिता को खण्डवा के पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कर उनका उपचार शुरू किया। भर्ती के समय बच्ची निकिता का वजन 5.15 किलोग्राम था। पोषण प्रशिक्षक शबनम और स्टॉफ द्वारा नियमित रूप से पोषण आहार और उनकी माता को समझाईश देकर नियमित उपचार किया गया, जिसके फलस्वरूप 14 दिनों में बच्ची का वज़न 5.15 किलोग्राम से बढ़कर 6.385 किलोग्राम हो गया । निकिता गंभीर एनीमिया व डायरीया रोग से ग्रसित थी। पोषण पुनर्वास केन्द्र में उपचार के बाद स्वस्थ होकर निकिता के माता पिता एन.आर.सी. से छुट्टी कराकर खुशी-खुशी अपने घर आ गए। उन्होंने निकिता के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र में नियमित रूप से चार फ्लोअप जांचे करवाई, जिससे आज बच्ची का वज़न 7.180 हो गया है और निकिता अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है उनके माता पिता स्वास्थ्य विभाग और कर्मचारियों को धन्यवाद देते नही थकते
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